Nitin Kashyap ने इस विडियो में केन्द्राधिपति दोष पर विचार रखें है |
• कुंडली में केंद्र स्थान के स्वामी यदि नैसर्गिक शुभ ग्रह हो तो इस दोष की सम्भावना रहती है | • यदि लग्न, चौथे, सांतवे या दसवे भाव का स्वामी होने पर यह दोष लगता है|• केंद्र के मालिक बनने के कारण शुभ ग्रह सम हो जाते है | • गुरु, बुध, शुक्र और चन्द्र के कारण यह दोष लगता है |
शुभ ग्रहों के केन्द्राधिपति होने के दोष गुरु और शुक्र के संबंध में विशेष हैं। ये ग्रह केन्द्रा धिपति होकर मारक स्थान (दूसरे और सातवें भाव) में हों या इनके अधिपति हो तो बलवान मारक बनते हैं। केन्द्राधिपति दोष शुक्र की तुलना में बुध का कम और बुध की तुलना में चंद्र का कम होता है।
ग्रह नवांश में जिस राशि में हो, उस राशि को जन्मकुंडली में देखें की वो किस भाव में है| उसका सम्बन्ध जिस भाव से हो ग्रह अपनी दशा – अन्तर्दशा में उस भाव के फल भी देने को बाध्य होता है | यह तकनीक स्वर्गीय श्री C S Patel जी ने Astrological Magazine के एक लेख में बताई थी | Retd.Justice S N Kapoor सर ने भी इस नियम पर बहुत कार्य किया है| हम सदैव इन दो महान ज्योतिषियों के ऋणी रहेंगे| ज्योतिष में इनका योगदान अतुलनीय है | इसके बारे में ध्रुव नाडी में भी जिक्र आता है | नवांश का यह नियम बहुत ही सरल और कारगर है |नवांश कुंडली कैसे देखें यदि जानना हो तो https://youtu.be/zfGvtdqchAk विडियो देखें | विपरीत राज योग पर Nitin Kashyap के विचार जानने के लिए https://youtu.be/PueivWHkA8c पर जाएँ | हमारे चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए https://www.youtube.com/c/AstroLifeSu... पर क्लिक करें |
• महाभाग्य योग क्या है ?• पुरुष की कुंडली में इसे कैसे देखते है ?• महिला की कुंडली में महा भाग्य योग कैसे फल देता है ?• यह दोनों की कुंडली में अलग अलग क्यों है ?• आज के युग में ज्योतिष में इसका फल कैसे देखें ?• कुंडली मिलान के समय इन ज्योतिष योगो को कैसे प्रयोग करें |
Live session on 21 February 2018 on Astro Life Sutras youtube channel
आप सब की सलाह पर Nitin Kashyap जी आपके समक्ष होंगे आपके विपरीत राज योग से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए | यदि आपके भी कुछ प्रश्न है तो देखना न भूलें ज्योतिष का यह चैनल Astro Life Sutras. विपरीत राज योग के फल जांचने के लिए https://youtu.be/PueivWHkA8c पर क्लिक करें और पुराना विडियो देखें |
Nitin Kashyap के विचार विपरीत राज योग पर
विपरीत राज योग क्यों और कब नही लगता है ?
कुंडली के किन नियमो का ध्यान रखना आवश्यक है?
ज्योतिष में कोई भी भाव पूर्ण रूप से शुभ नही होता है |
कुंडली में कोई भी भाव पूर्ण रूप से अशुभ भी नही होता है |
छठे भाव का स्वामी 6, 8, 12 भाव में हो तो हर्ष विपरीत राजयोग बनता है |
अष्टम भाव का स्वामी 6, 8, 12 घर में हो तो सरल विपरीत राजयोग बनता है |
द्वादश भाव का स्वामी 6, 8, 12 भाव में हो तो विमल विपरीत राजयोग बनता है |
ग्रह केवल 6, 8, 12 भाव में बैठने से निष्फल नही हो जाता है |
उत्तर कालामृत अनुसार ऐसे ग्रह पर किसी और ग्रह का प्रभाव नही होना चाहिए | सार : यदि 6, 8 या 12 के स्वामी ग्रह पीड़ित है तभी शुभ फल प्राप्त होते है |
ज्योतिष में नवांश कुंडली फलित में बहुत महत्वपूर्ण होती है. ज्योतिष की किताबो में इसके बारे में बहुत कुछ लिखा गया है| इस विडियो में Nitin Kashyap बता रहे है, की नवांश कुंडली के क्या नियम है? इसके प्रयोग से आप किस प्रकार आसानी से फल ज्ञात कर सकते है. इस विडियो में नवांश कुंडली के 3 नियम बताए जा रहे है. आने वाले समय में और भी नियम आपसे साझा किये जायेंगे. आने वाली विडियो के लिए https://www.youtube.com/channel/UCR1z... को subscribe करना न भूलें. यदि कुंडली में अंशो का महत्त्व जानना हो तो https://youtu.be/ZdUiviIDdmI पर क्लिक करें | • नवांश एक राशि के नवम भाग को कहते हैजो की 03 अंश और 20 कला का होता है| • क्रूर राशि में वर्गोत्तम ग्रह संघर्ष के बाद उन्नति देता है | • ग्रह यदि मित्र तथा सौम्य ग्रह के नवांश में हो तो उस ग्रह का फल अवश्य और शुभ मिलता हैं. • क्रूर राशि और क्रूर नवांश में बैठा ग्रह समस्या देता है | • बृहत् पराशर होरा शास्त्र, फलदीपिका, सारावली आदि सभी ज्योतिष ग्रंथो में नवांश की उपयोगिता बतायी गयी है | • ग्रहों के विम्शोपक बल ज्ञात करने में नवांश और जन्मकुंडली का महत्त्व सर्व अधिक है | • नवांश कुंडली के द्वारा आप सरलता से नक्षत्र और उसके चरण को ज्ञात कर सकते है |
जीवनसाथी यदि गलत मिल जाए तो पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है| भारत में जहाँ arranged marriage आज भी की जाती है वहां वर या वधु को जांचने के लिए कुंडली मिलाना एक अच्छा साधन है| ज्योतिष के द्वारा आप व्यक्ति के स्वभाव, पैसा, चरित्र और आयु का अंदाजा लगा पाते है | ज्योतिष में इसी कारण कुंडली मिलान प्रचलित है, परन्तु आज कल अष्टकूट मिलान को ही कुंडली मिलान समझ लिया जाता है | मांगलिक दोष का विचार किया, अष्टकूट मिलान देखा और शादी कर दी| इस प्रकार की शादी का जोखिम नही लेना चाहिए | इस विडियो में Nitin p Kashyap यही बता रहे है की computer से कुंडली मिलान कितना घातक हो सकता है | भकूट दोष और उसके काट के बारे में यहाँ बताया गया है | आप यदि हमारे किसी भी वक्ता से संपर्क करना चाहे तो हमारी वेबसाइट www.AstroLifeSutras.com पर जा कर अपनी बात रख सकते है|
Nitin P.Kashyap is a traditional practitioner of Vedic Sciences. He commands authority on Astrology, Vastu, and Palmistry. He is Jyotish Vid and Jyotish Visharada. He has clientage in Australia, Europe, Asia and the American continent. Nitin Kashyap has numerous articles in India Today, The Astrological Magazine, Modern Astrology, Jyotish Manthan and Planetarypositions.com to his credit.
Nitin P.Kashyap is taking offline and online classes on different aspects of Astrology.His scientific background and practical approach took him to research and study of astronomy, numerology, samudrik, and KP system. Having mastered the various branches of Astrology, he had established himself as an adept and proficient astrologer.
His dedication and devotion to this divine science have led him to teach this subject. Awards for his research in astrology have given him the destined name and fame. The motto is to work hard to restore Vedic Sciences to their original form through teachings, seminars, slide-shows, writings, and research.