ज्योतिष में नवांश कुंडली फलित में बहुत महत्वपूर्ण होती है. ज्योतिष की किताबो में इसके बारे में बहुत कुछ लिखा गया है| इस विडियो में Nitin Kashyap बता रहे है, की नवांश कुंडली के क्या नियम है? इसके प्रयोग से आप किस प्रकार आसानी से फल ज्ञात कर सकते है. इस विडियो में नवांश कुंडली के 3 नियम बताए जा रहे है. आने वाले समय में और भी नियम आपसे साझा किये जायेंगे. आने वाली विडियो के लिए https://www.youtube.com/channel/UCR1z... को subscribe करना न भूलें. यदि कुंडली में अंशो का महत्त्व जानना हो तो https://youtu.be/ZdUiviIDdmI पर क्लिक करें |
• नवांश एक राशि के नवम भाग को कहते हैजो की 03 अंश और 20 कला का होता है|
• क्रूर राशि में वर्गोत्तम ग्रह संघर्ष के बाद उन्नति देता है |
• ग्रह यदि मित्र तथा सौम्य ग्रह के नवांश में हो तो उस ग्रह का फल अवश्य और शुभ मिलता हैं.
• क्रूर राशि और क्रूर नवांश में बैठा ग्रह समस्या देता है |
• बृहत् पराशर होरा शास्त्र, फलदीपिका, सारावली आदि सभी ज्योतिष ग्रंथो में नवांश की उपयोगिता बतायी गयी है |
• ग्रहों के विम्शोपक बल ज्ञात करने में नवांश और जन्मकुंडली का महत्त्व सर्व अधिक है |
• नवांश कुंडली के द्वारा आप सरलता से नक्षत्र और उसके चरण को ज्ञात कर सकते है |
• नवांश एक राशि के नवम भाग को कहते हैजो की 03 अंश और 20 कला का होता है|
• क्रूर राशि में वर्गोत्तम ग्रह संघर्ष के बाद उन्नति देता है |
• ग्रह यदि मित्र तथा सौम्य ग्रह के नवांश में हो तो उस ग्रह का फल अवश्य और शुभ मिलता हैं.
• क्रूर राशि और क्रूर नवांश में बैठा ग्रह समस्या देता है |
• बृहत् पराशर होरा शास्त्र, फलदीपिका, सारावली आदि सभी ज्योतिष ग्रंथो में नवांश की उपयोगिता बतायी गयी है |
• ग्रहों के विम्शोपक बल ज्ञात करने में नवांश और जन्मकुंडली का महत्त्व सर्व अधिक है |
• नवांश कुंडली के द्वारा आप सरलता से नक्षत्र और उसके चरण को ज्ञात कर सकते है |
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