Nitin Kashyap के विचार विपरीत राज योग पर
विपरीत राज योग क्यों और कब नही लगता है ?
कुंडली के किन नियमो का ध्यान रखना आवश्यक है?
ज्योतिष में कोई भी भाव पूर्ण रूप से शुभ नही होता है |
सार : यदि 6, 8 या 12 के स्वामी ग्रह पीड़ित है तभी शुभ फल प्राप्त होते है |
विपरीत राज योग क्यों और कब नही लगता है ?
कुंडली के किन नियमो का ध्यान रखना आवश्यक है?
ज्योतिष में कोई भी भाव पूर्ण रूप से शुभ नही होता है |
- कुंडली में कोई भी भाव पूर्ण रूप से अशुभ भी नही होता है |
- छठे भाव का स्वामी 6, 8, 12 भाव में हो तो हर्ष विपरीत राजयोग बनता है |
- अष्टम भाव का स्वामी 6, 8, 12 घर में हो तो सरल विपरीत राजयोग बनता है |
- द्वादश भाव का स्वामी 6, 8, 12 भाव में हो तो विमल विपरीत राजयोग बनता है |
- ग्रह केवल 6, 8, 12 भाव में बैठने से निष्फल नही हो जाता है |
सार : यदि 6, 8 या 12 के स्वामी ग्रह पीड़ित है तभी शुभ फल प्राप्त होते है |
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