Nitin Kashyap ने इस विडियो में केन्द्राधिपति दोष पर विचार रखें है |
• कुंडली में केंद्र स्थान के स्वामी यदि नैसर्गिक शुभ ग्रह हो तो इस दोष की सम्भावना रहती है |
• यदि लग्न, चौथे, सांतवे या दसवे भाव का स्वामी होने पर यह दोष लगता है|• केंद्र के मालिक बनने के कारण शुभ ग्रह सम हो जाते है |
• गुरु, बुध, शुक्र और चन्द्र के कारण यह दोष लगता है |
शुभ ग्रहों के केन्द्राधिपति होने के दोष गुरु और शुक्र के संबंध में विशेष हैं। ये ग्रह केन्द्रा धिपति होकर मारक स्थान (दूसरे और सातवें भाव) में हों या इनके अधिपति हो तो बलवान मारक बनते हैं। केन्द्राधिपति दोष शुक्र की तुलना में बुध का कम और बुध की तुलना में चंद्र का कम होता है।
Sir meri kundli mai mithun lagn kundli mai guru ko ye dosh laga or no 8th house mai sukr ke saath balheen ho kr baitha hai to isko majvoot krne ke liye iska ratn pukhraj pahan sakte hai.
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