सोमवार, 12 मार्च 2018

रज्जु - मूसल - नल योग ( Nitin Kashyap )





ज्योतिष में राशि का फलित कितना आवश्यक है ? आम तौर पर ज्योतिषी राशियों के गुण धर्म का विचार किये बगैर ही फलित कर देते है | राशियों का फल केवल ग्रह के उच्च नीच या मित्र शत्रु तक सीमित कर दिया है | Nitin Kashyap इस विडियो में राशियों का कुंडली में कैसे इस्तेमाल करते है वह बता रहे हैं |

चर राशियाँ – मेष, कर्क, तुला और मकर (1-4-7-10).

स्थिर राशियाँ – वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुम्भ (2-5-8-11).

द्विस्वभाव राशियाँ – मिथुन, कन्या, धनु, मीन (3-6-9-12).

बृहत् पराशर होरा शास्त्र अध्याय 36 के अनुसार यदि लग्न और अधिकतर ग्रह चर राशि में हो तो रज्जू योग होता है | यदि लग्न और अधिकतर ग्रह स्थिर राशि में हो तो मूसल योग होता है | यदि लग्न और अधिकतर ग्रह द्विस्वाभाव राशि में हो तो नल योग में व्यक्ति का जन्म होता है |

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