ज्योतिष में गुरु, बुध और शुक्र - 6, 8 और 12 भाव |
गुरु छठे भाव में, बुध अष्टम भाव में और शुक्र बारहवे घर में क्या फल देता है ? एक सामान्य नियम है की त्रिक भावो में बैठा ग्रह बुरे परिणाम देता है, परन्तु यह नियम सभी जगह लागू नही होता है | वैदिक ज्योतिष की किताबो में इसका वर्णन है | कुंडली में शुभ ग्रह त्रिक स्थान में हो तो कुंडली का फल अलग होता है| जातक भरणम अध्याय १७ श्लोक ५४ के अनुसार, छठे भाव में स्थित गुरु गीत संगीत में रूचि, ख्याति प्राप्त करने के अभिलाषा होती है| आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है, और आलसी होता है |
मन्त्रेश्वर के अनुसार अष्टम में स्थित शुक्र व्यक्ति को सुख समृद्धि प्रदान करता है | सत्ता पक्ष से सम्मान प्राप्त होता है|
नवांश का फल जानने के लिए https://youtu.be/YXuKguY2MRE
बाधक ग्रह का फल जानने के लिए https://youtu.be/4eFwcHU4BxM
विपरीत राज योग का फल जानिए https://youtu.be/PueivWHkA8c
विपरीत राज योग के लिए
लग्न से 6, 7 और 8 भाव में यदि नैसर्गिक शुभ ग्रह हो तो अधि योग का निर्माण होता है|
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