द्वितीय भाव में शुक्र के अलग अलग फल हो सकते है? जैसे कन्या का शुक्र और मीन का शुक्र दुसरे भाव में हो? इन सबका निवारण कश्यप ऋषि ने किया है|
उच्च, उच्च नवांश, शुभ वर्ग गत, नीच राशी, नीच नवांश, पाप वर्ग में हो, मित्र राशी, मित्र ग्रह के नवांश में, वर्गोत्तम, शत्रु राशी का,शत्रु नवांश में हो, स्वराशि में हो तो इन सब स्थिति में शुक्र का लग्न में फल बदल जायेगा| इस विडियो में यही जानकारी दी गयी है|
लग्न – मीन
होरा - कर्क
द्रेश्कांड - मीन
नवांश - कन्या
द्वादांश – वृषभ
त्रिशांश - कन्या
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